पाठ्येतर क्रियाकलाप
विभागीय परिषद
महाविद्यालय में प्रत्येक विषय की विभागीय परिषदें होती है | जिसका गठन निर्दिष्ट प्रणाली द्वारा होता है | इन परिषदों का लक्ष्य उस विषय से सम्बद्ध बौद्धिक क्रियाकलापों का आयोजन करना है |
क्रीड़ा परिषद
महाविद्यालय में खेल-कूद सम्बन्धी कार्यक्रम, शारीरिक शिक्षा परिषद् द्वारा आयोजित एवं संचालित किये जाते है | महाविद्यालय, अंतर-महाविद्यालय एवं अंतर-विश्वविद्यालय क्रीड़ा प्रतियोगिताओं में विद्यार्थी की सहभागिता की समस्त सुविधाएँ इस परिषद् द्वारा उपलब्ध करायी जाती है |
राष्ट्रीय सेवा योजना
छात्रों में देशभक्ति एवं समाज सेवा की प्रस्तुति जागृत करने हेतु महाविद्यालय में राष्ट्रीय सेवा योजना की इकाई का गठन किया जाता है | वर्तमान सत्र से महाविद्यालय में इसकी इकाई पुनः गठित कर दी गई है | इस योजन में पंजीकृत छात्र सदस्यों को दो वर्षों में (120+120 घंटों की) सामाजिक सेवा का निर्धारित लक्ष्य पूर्ण करना पड़ता है तथा कम से कम चार एक दिवसीय व एक दस दिवसीय विशेष शिविर (100 छात्रों का) में भाग लेना आनिवार्य होता है | इसके उपरान्त ही छात्र को राष्ट्रीय सेवा योजना प्रमाण पत्र एन.सी.सी. के ‘बी’ एवं ‘सी’ प्रमाण पत्र के समतुल्य प्रदान किया जाता है | इस प्रमाण पत्र से बी.एड. प्रवेश तथा अन्य सेवाओं में वरीयता दी जाती है|
रोवर्स एवं रेंजर्स
विद्यार्थियों के मध्य सेवा भावना एवं संगठनात्मक क्षमता उत्पन्न करें की दृष्टि से रेंजर्स एवं रोवर्स दल जो गाइडिंग का उच्च रूप है, का गठन किया जाता है | ये दल सामाजिक विषमताओं, कुरीतियों, अंधविश्वासों को दूर करने के साथ साथ विभिन्न क्षेत्र में सामाजिक सहायता का कार्य करता है | इसमें निष्ठापूर्वक किये गए महत्वपूर्ण कार्यों पर राष्ट्रपति पदक तक प्राप्त हो सकते है |
भारत वर्ष में स्काउट एवं गाइड आन्दोलन राष्ट्र निर्माण, राष्ट्रीय एकता और विशेषतः युवा वर्ग के मानसिक, शारीरिक एवं आध्यात्मिक उन्नति के लिए एक सशक्त माध्यम के रूप में उभरा है | इस आन्दोलन के विस्तार की प्रकिया को सुदृढ़ करने के लिए बेडेन पावेल ने युवा वर को रोवर्स/रेंजर्स की संज्ञा देते हुए उनके दलों की स्थापना पर बल दिया था |
युवा शकी को अनुशासनबद्ध करने, उमे सेवा भाव, भाई-चारा, संगठन एवं नेतृत्व की भावना विकसित करने तथा उन्हें भविष्य में निर्माणार्थ दिशा मूलक सिद्धांतो से अवगत कराने की दृष्टि से इस महाविद्यालय में रोवर्स क्रू तथा रेंजर्स टीम की गयी है | 18 से 25 वर्ष की आयु वर्ग के छात्रों के वर्ग को रोवर्स क्रू तथा छात्राओं के वर्ग को रेंजर्स दल का नाम दिया गया है | प्रत्येक दल में 24 सदस्य होंगे |
एन०सी०सी०
सत्र 2013-14 से छात्रों के सर्वांगीण विकास हेतु एन०सी०सी० कार्यक्रम का सञ्चालन महाविद्यलाय में प्रारम्भ हो गया है | जिसका विधिवत प्रशिक्षण एन०सी०सी० अधिकारीयों द्वारा दिया जाता है |
वार्षिकोत्सव
विद्यार्थी के सर्वतोमुखी विकास का परिणाम महाविद्यालय का वार्षिकोत्सव है | इस अवसर पर एक भव्य समारोह आयोजित कर वर्ष पर्यन्त आयोजित वीभिन्न प्रतियोगिताओं के पुरुस्कार वितरित किये जाते हैं | इस अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजन की भी व्यवस्था है |
पत्रिका
महाविद्यालय एक वार्षिक प्रत्रिका “ज्ञानदीप” प्रकाशित करता है | विद्यार्थियों को बौद्धिक क्षमता का प्रकाशन एवं प्रसुप्त रचनाधर्मिता का उद्घाटन महाविद्यालय पत्रिका द्वारा होता है | इसमें छात्र/छात्राएं कविता, गीत, निबंध, लेख, आलोचना, अमरवाणी, क्षणिकाएं, शोध-निबन्ध, संस्मरण आदि प्रस्तुत करते हैं | वर्ष 2020-21 में पत्रिका के विशेषांक का प्रकाशन प्रारम्भ हो चुका है |