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उत्तर प्रदेश शासन द्वारा संचालित एवं महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ वाराणसी से संबद्ध इस महाविद्यालय की स्थापना छात्र-छात्राओं को उच्च शिक्षा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से उत्तर प्रदेश शासन द्वारा 1996 में इस क्षेत्र में महाविद्यालय की मांग के प्रतिफल के रूप में की गयी I आदर्श महाविद्यालय की संकल्पना को साकार करने के लिए शासन द्वारा कला संकाय में हिंदी, अंग्रेजी, इतिहास, राजनीतिशास्त्र, अर्थशास्त्र एवं समाजशास्त्र तथा विज्ञान संकाय में गणित, भौतिकी, रसायन, वनस्पति, एवं जन्तु विज्ञान विषयों के साथ महाविद्यालय प्रारंभ करने की अनुमति प्रदान की गयी I सत्र 1996-97 में पाषाण संघ द्वारा नि:शुल्क उपलब्ध कराये गये भवन में कला संकाय के उपर्युक्त सात विषयों के साथ किया गया I सत्र 2000-2001 से विज्ञान संकाय में गणित, भौतिकी, रसायन, वनस्पति, एवं जन्तु विज्ञान विषयों की कक्षाएँ प्रारंभ हुई I सत्र 2001-2002 से स्नातकोत्तर में संस्कृत, अंग्रेजी, अर्थशास्त्र, एवं सत्र 2008-09 से इतिहास, राजनीतिशास्त्र, हिंदी व समाजशास्त्र की कक्षाओं का संचालन भी प्रारंभ हुआ I सत्र 2005-06 से विज्ञान संकाय के सभी विषयों में स्नातकोत्तर की कक्षाएँ शुरू हुई I

NAAC द्वारा “B” ग्रेड प्राप्त आधुनिक सुविधाओं से संपन्न यह महाविद्यालय चुनार नगर, से 03 किलोमीटर पूरब चुनार – मुगलसराय रेलमार्ग के समीप प्रकृति के शांत एवं सुरम्य वातावरण में अपने नवीन भवन में संचालित है I महाविद्यालय हेतु पिरल्लिपुर ग्राम में उपलब्ध करायी गयी 3.18 हैक्टेयर भूमि पर कला संकाय एवं प्रशासनिक भवन का शिलान्यास दिनांक 31-10-97 को तत्कालीन मुख्यमंत्री माननीय श्री कल्याण सिंह जी द्वारा हुआ I कला संकाय भवन का लोकार्पण 06-12-1999 को एवं विज्ञान संकाय भवन का लोकार्पण 04-09-2001 को माननीय श्री ओमप्रकाश सिंह जी, मंत्री उच्च शिक्षा के कर कमलों द्वारा संपन्न हुआ I

चुनार नगर मीरजापुर जनपद का सब डिविजनल मुख्यालय है I यह रेल एवं सड़क मार्ग से अन्य नगरों से जुड़ा है I यह वाराणसी से 43 किलोमीटर दक्षिण पश्चिम तथा मीरजापुर से 32 किलोमीटर पूरब में वाराणसी-कन्याकुमारी राष्ट्रीय राजमार्ग (NH-07) पर अवस्थित है I चुनार जं उत्तर रेलवे के इलाहाबाद, मीरजापुर-मुगलसराय मार्ग पर स्थित है | पूर्वोत्तर रेलवे के वाराणसी-इलाहाबाद मार्ग से माधो सिंह व ज्ञानपुर रोड रेलवे स्टेशन एवं वाराणसी जी. टी. रोड से वाया मिरजापुर भी पँहुचा जा सकता है |